top of page
खोज करे

संस्कृतम्


संस्कृतम्
संस्कृतम्

संस्कृतम् जगतः एकतमा अतिप्राचीना समृद्धा शास्त्रीया च भाषा वर्तते। संस्कृतं भारतस्य जगत: वा भाषास्वेकतमा‌ प्राचीनतमा। भारती, सुरभारती, अमरभारती, अमरवाणी, सुरवाणी, गीर्वाणवाणी, गीर्वाणी, देववाणी, देवभाषा, संस्कृतावाक्, दैवीवाक्, इत्यादिभिः नामभिः एतद्भाषा प्रसिद्धा।


इयं भाषा न केवलं भारतस्‍य अपि तु विश्वस्य प्राचीनतमा भाषा इति मन्यते। इयं भाषा तावती समृद्धा अस्ति यत् प्राय: सर्वासु भारतीयभाषासु न्‍यूनाधिकरूपेण अस्‍या: शब्‍दा: प्रयुज्‍यन्‍ते. अत: भाषाविदां मतेन इयं सर्वासां भाषाणां जननी मन्‍यते। पुरा संस्कृतं लोकभाषा आसीत्‌। जना: संस्कृतेन वदन्ति स्म॥

 
 
 

हाल ही के पोस्ट्स

सभी देखें
सबसे बड़ा दान

सबसे बड़ा दान- सनातन धर्म में अन्न को 'ब्रह्म' भी कहा गया है और अन्नदान को सबसे बड़ा दान माना गया है दान का अर्थ है किसी को सहायता या...

 
 
 
भक्ति का स्वाद इतना ज्यादा है। कि वो बता पाना असम्भव है।

भगवान वेदव्यास रचित महान ग्रंथ श्रीमद्भागवत पुराण जिसका रसास्वादन जनता द्वापरयुग के अंत से आज तक कर रही है। जिसमें सृष्टि के रहस्य को...

 
 
 

Comments

Rated 0 out of 5 stars.
No ratings yet

Add a rating

नमो नमः

एक भारत, नेक भारत, अनेक परंपराएं

  • YouTube
  • Facebook
  • Whatsapp
  • Instagram
  • Twitter
  • LinkedIn

© 2025 संस्कृत का उदय

bottom of page