What is the significance of the statement "यज्ञो वै श्रेष्ठतमं कर्म" in Hindu philosophy?
- संस्कृत का उदय
- 27 फ़र॰
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यज्ञो वै श्रेष्ठतमं कर्म।

यज्ञ का महत्व भारतीय संस्कृति में अत्यधिक है। यह न केवल धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह समाज और पर्यावरण के लिए भी महत्वपूर्ण है। यज्ञ के माध्यम से हम:
देवताओं की कृपा प्राप्त करते हैं।
समाज में एकता और सहयोग की भावना को बढ़ावा देते हैं।
प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करते हैं।
आध्यात्मिक शुद्धि और मानसिक शांति प्राप्त करते हैं।
इस प्रकार, यज्ञ को श्रेष्ठतम कर्म माना जाता है क्योंकि यह न केवल व्यक्तिगत विकास में सहायक है, बल्कि समाज और प्रकृति के लिए भी लाभकारी है।
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